Monday, April 23, 2012

सच कहें फिर हमसफर बनाएं

पं. महेश शर्मा

दूध और पानी जब मिलते है, तो एक हो जाते हैं। प्रीत की सुंदर रीति देखिए कि यदि कपट की खटाई उसमें पड़ गई तो सारा रस चला जाता है। विवाह प्रेम का ऐसा ही मिलन है।

इसमें दो अस्तित्व पानी और दूध की तरह मिल जाते हैं। यदि इस मिलन की बुनियाद ही झूठ पर टिकी हो तब प्रेम और विश्वास का यह मिलन दूध की ही तरह फट जाता है, जिसे दुबारा पहले जैसा बनाना संभव ही नहीं है।

चूंकि शादी मानव जीवन का अभिन्न अंग है। रिश्ते को जोड़ने से पहले सबसे पहले ध्यान रखें कि आपस में कोई भी ऐसी बात दबी छुपी हो जो विवाह के बाद आपके साथी की मानसिक परेशानी का कारण बन सकता है तो आप उन्हें सबकुछ बता दें। इसके बाद आपकी जिम्मेदारी समाप्त। अब यह आपके साथी की इच्छा पर निर्भर है कि वह आपको उसी स्थिति में स्वीकार करता है या नहीं।

बहुत सी महिलाएं अपनी निजता और स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए ससुराल से अलग रहना पसंद करती हैं। पर आपको अपने इस आइडिया को अच्छे माहौल में डिसकस करना चाहिए। यदि आपने अपने करिअर या सपनों को लेकर अलग शहर, अलग देश या अलग रहना पसंद किया है, तो इस बारे में भी खुलकर बात हो जानी चाहिए। अधिकतर पुरुष अपने करिअर में उन्नति के लिए या प्रमोशन के प्रलोभन में यह अपेक्षा रखते हैं कि उनकी पत्नी और परिवार उनका अनुसरण करें। इससे रिश्तों में दरार आती है।

इसी तरह आपस में स्वास्थ्य को लेकर भी चर्चा कर लें। इस मुदृदे वर भी एक दूसरे से कुछ न छुपाएं। नही ंतो शादी के बाद ये समस्याएं होने पर यह संबंधों को तोड़ने का कारक बनता है। पति पत्नी छला महसूस करने लगते हैं। तभी से उनके जीवन में तनाव व्याप्त हो जाता है। वह घर और बाहर दोनों ही जगह सामान्य जिंदगी नहीं जी पाते। कई बार तो मन इतना आहत करती है कि उससे सब छुपाया गया। वह इस रिश्ते के प्रति सहज नहीं हो पाते। 

आप अपने करिअर और लक्ष्यों पर भी बात कर लें, क्योंकि आपको एक हाउसवाइफ की तरह रखने की अपेक्षा आपके पति की हो सकती है, जबकि हो सकता है कि आप अपने करिअर के प्रति गंभीर हों। बाद में ऐसी बातें अक्सर विवाद का कारण बनती हैं।

जिंदगी को जीने के लिए वित्तीय मसले एक ऐसा मुदृदा है जिस पर अक्सर लोग संकोच के कारण बात नहीं कर पाते। बाद में इस विषय पर की गई अतिरिक्त सुरक्षा अविश्वास का कारण बनती है। चूंकि इन मामलों में आजकल लड़कियां भी रूचि लेने लगी हैं, जो विवाद का कारण बनता है। ये चिंता पति-पत्नी के संबंधों को अस्वभाविक बना देता है।

ध्यान रखें:

- अतीत हमेशा वर्तमान और भविष्य पर भारी पड़ता है।

- सभी जोड़ों के बीच अहसमति के बिंदु होते हैं, लेकिन मुदृदों के  प्रकार और उसकी प्रबलता शादीशुदा जीवन की संगतता को परिभाषित करते हैं।

- संतुलन नही ंहै तो जीवन नर्क हो जाता है; और यदि अपने साथी को छोड़ते हैं तो उस अंतराल को पाटना दोनों के लिए अति दुःखद होता है।

- शादी के बाद कई अनजान मुद्दों पर संबंध बिगड़ने की नौबत आन पड़ती है इसलिए इन मुदृदों पर पहले से ही स्पष्ट रहें।

गुण:

लड़के लड़कियां आजकल हमसफर की तलाश के वक्त कोई समझौता नहीं करना चाहते, लेकिन ऐसा भी नहीं हो सकता है कि सोलहों गुणों से संपन्न हो। ऐसे में व्यावहारिक स्तर पर मन को मनाना पड़ता है। खैर ये सब तो डिबेट का विषय है। आजकल दोनों तरफ से शिक्षा, आय, सुंदरता, व्यवसाय, पारिवारिक प2ष्टिभूमि, शहर, व्यवहार, विचार आदि स्तरों पर लोग लड़के और लड़की दोनों एक-दूसरे में इन गुणों को जज करते है कि पहले की तरह परिवार के गुणों को। 

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